| 1. | विभिन्न वाक्यगत वर्गों के लिए विभिन्न व्यवस्था सिद्धांत
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| 2. | अर्थांतर-संक्रमित-वाच्य-ध्वनि वाक्यगत-देख! मैं तुझसे कहता हूँ, यहाँ
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| 3. | इत्यादि, इसमें वाक्यगत लक्षणा कही जाती है।
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| 4. | यह अभिधा से भिन्न नहीं, वाक्यगत अभिधा ही है।
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| 5. | मेरे मत से यहाँ वाक्यगत लक्षणा नहीं, व्यंजना है।
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| 6. | अर्थांतर संक्रमितवाच्य ध्वनि वाक्यगत-' देख! मैं तुझसे कहता हूँ
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| 7. | रचना के स्तर पर वाक्यगत या भाषा-शिल्पगत महीनता भी ललित नहीं है।
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| 8. | पदों में होती है वह वाक्यगत कहलाती है (यह विभाजन तर्कपूर्ण नहीं जान पड़ता
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| 9. | अष्टम अध्याय में, वाक्यगत शब्दों के द्वित्वविधान, प्लुतविधान एवं षत्व और णत्वविधान का विशेषत:
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| 10. | विश्वनाथ ने पदगत तथा वाक्यगत लक्षणा भी मानी है औरउन्होने ८० तक भेद गिनाये हैं.
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