वैद्युत अभियांत्रिकी में विद्युद्यंत्र, विद्युत्- शक्ति-उत्पादन, संचरणा तथ वितरण, जलविद्युत्, रेडियोसंपर्क, विद्युत्मापन, विद्युदधिष्ठापन, अत्युच्चावृत्ति कार्य, नाभिकीय अभियांत्रिकी, इलेक्ट्रानिकी हैं।
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इसके लिए गायत्री मन्त्र का जप तीन प्रणव लगाकर करना चाहिये और ऐसा ध्यान करना चाहिये कि अपनी त्रिकुटी (मस्तिष्क के मध्य भाग) में से एक नील वर्ण विद्युत्- तेज की रस्सी जैसी शक्ति निकलकर उस व्यक्ति तक पहुँचती है, जिसे आपको आकर्षित करना है और उसके चारों ओर अनेक लपेट मारकर लिपट जाती है।