| 1. | इसकी मूल प्रेरणा वीर-पूजा की है।
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| 2. | रुप्पन बाबू की आंखे वीर-पूजा की भावना से चमक उठी।
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| 3. | रुप्पन बाबू की आंखे वीर-पूजा की भावना से चमक उठी।
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| 4. | और वीर-पूजा में गाये जाने वाले
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| 5. | वीर-पूजा जनता का स्वाभाविक गुण है।
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| 6. | यहाँ की वीर-पूजा परम्परा का यह प्रमुख स्वरूप और प्रतीक है।
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| 7. | वीर-पूजा इस काव्य की सत्प्रेरणा और जातीय गौरव का उद्बोधन इसका लक्ष्य है।
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| 8. | यहाँ पर हमें व्यक्ति-पूजा और वीर-पूजा के भेद को स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए ।
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| 9. | शिवाजी उत्सव के आयोजन की प्रेरणा उन्हें कार्लाइल और रस्किन की कृतियों में चित्रित वीर-पूजा के उदाहरणों से मिली।
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| 10. | पर पूजाभाव, विशेषतः वीर-पूजा में प्रतिदान की इच्छा नहीं होती, इसीलिए उसमें विरोध की भावना नहीं होती।
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