शीत जलवायु मैं रहने वाले गुड़ को ही पसन्द करते हैं. इसकेअलावा एक बात और है.
2.
नीलगिरि पर्वत, अन्नामलाई और शिवराई पर्वत शिखरों में शीत जलवायु की वनस्पतियाँ एवं जीवाश्म मिले हैं।
3.
खगोलात्मक आधार पर ग्रीष्म और शीत जलवायु का आवागमन लगभग एक लाख वर्षों के अंतराल पर होता है।
4.
' गैर-निष्क्रिय' प्रकार अधिक उपज दे सकते हैं, परन्तु शीत जलवायु में वे सर्दी की मार को लेकर संदेहास्पद होते हैं और ये सतात्य की क्षमता में दीन होते हैं.
5.
' गैर-निष्क्रिय' प्रकार अधिक उपज दे सकते हैं, परन्तु शीत जलवायु में वे सर्दी की मार को लेकर संदेहास्पद होते हैं और ये सतात्य की क्षमता में दीन होते हैं.
6.
जब देश के जलवायु में तीव्र परिवर्तन होते हैं, जैसे शुष्क जलवाय का आद्र्र जलवायु में, या उष्ण जलवायु शीत जलवायु में परिवर्तित हो जाता है, तब जैविक विकास में निम्नलिखित परिवर्तन होते हैं:
7.
चाँदी के समान श्वेत पर्वत शिखर कल-2 करती चमकदार सरिताएं, हरी भरी घाटियाँ एवं यहाँ की शीत जलवायु ने शान्ति एवं स्वास्थय लाभ हेतु एक विशाल संख्या में पर्यटकों को गढ़वाल के पर्वतों की ओर आकर्षित किया है।
8.
चाँदी के समान श्वेत पर्वत शिखर कल-2 करती चमकदार सरिताएं, हरी भरी घाटियाँ एवं यहाँ की शीत जलवायु ने शान्ति एवं स्वास्थय लाभ हेतु एक विशाल संख्या में पर्यटकों को गढ़वाल के पर्वतों की ओर आकर्षित किया है।
9.
चाँदी के समान श्वेत पर्वत शिखर कल-2 करती चमकदार सरिताएं, हरी भरी घाटियाँ एवं यहाँ की शीत जलवायु ने शान्ति एवं स्वास्थय लाभ हेतु एक विशाल संख्या में पर्यटकों को गढ़वाल के पर्वतों की ओर आकर्षित किया है।
10.
पिछले दशकों में अल्फाल्फा के विकास में ज्यादातर सहायक कारण थे बारिश के सालों में अच्छी तरह नहीं सींचे गए मिट्टी पर बिमारियों से बचाव, शीत जलवायु में अधिक सर्दी को सहने की योग्यता तथा अधिक पत्तों का उत्पाद शामिल रहा है.