आईने का मतलब सिर्फ उसमें अपना चेहरा देखना या उसके सामने बैठ कर श्रंगार करना भर नहीं है।
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बता रही हैं आरती मिश्राआईने का मतलब सिर्फ उसमें अपना चेहरा देखना या उसके सामने बैठ कर श्रंगार करना भर नहीं है।
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आईना बढ़ाएगा घर की खूबसूरती आईने का मतलब सिर्फ उसमें अपना चेहरा देखना या उसके सामने बैठ कर श्रंगार करना भर नहीं है।
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लकड़ी को छीलना और लकड़ी पर विभिन्न प्रकार की शक्लें बनाना और उभरे व नीचे की ओर गये सुन्दर बेल और बूटों से उसका श्रंगार करना है।
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और सुन्नत यह है कि आदमी अच्छी सूरत के साथ नमाज़ के लिये हाज़िर हो क्योंकि नमाज़ में रब से मांगना होता है, तो इसके लिये श्रंगार करना, इत्र लगाना मुस्तहब, जैसा कि गुप्तांग ढाँपना और पाकी वाजिब है.