उधर गिल्ड ने अपने एक बयान में कहा कि आईबीएन-7 के दो पत्रकारों शलभ मणि त्रिपाठी और मनोज राजन को कथित रूप से इसलिए पुलिस का दुर्व्यवहार झेलना पड़ा, क्योंकि उन्होंने लखनऊ जेल के अस्पताल में मुख्य सहायक चिकित्सा अधिकारी वाई एस सचान की हत्या के पीछे की साजिश का ख़ुलासा करने में मदद की थी.