इससे स्वर-संधान के साथ षट् चक्रों के सुप्त संधान भी जागृत होते है।
2.
उनकी लघुकथाओं में जो लेखकीय संवेदनशीलता, अनुत्तेजना से उत्पन्न होने वाली उत्तेजना और व्यंग्य के तीखे स्वर-संधान हैं, वे कम ही लघुकथाओं में देखने को मिलते हैं।
3.
उनकी लघुकथाओं में जो लेखकीय संवेदनशीलता, अनुत्तेजना से उत्पन्न होने वाली उत्तेजना और व्यंग्य के तीखे स्वर-संधान हैं, वे कम ही लघुकथाओं में देखने को मिलते हैं।