हमारे लेखक-आलोचक भी इस हीनता भाव से मुक्त नहीं हैं।
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हमारे लेखक-आलोचक भी इस हीनता भाव से मुक्त नहीं हैं।
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ऐसे हीनता भाव पर किस प्रकार विजय प्राप्त की जा सकती है!
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ऐसे हीनता भाव पर किस प्रकार विजय प्राप्त की जा सकती है!
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व्यापक दृष्टि से अंग्रेजी ने हम सभी के अंदर गहरा हीनता भाव उत्पन्न कर दिया है।
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व्यापक दृष्टि से अंग्रेजी ने हम सभी के अंदर गहरा हीनता भाव उत्पन्न कर दिया है।
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वर्ण व्यवस्था के अमानवीय बन्धनों ने शताब्दियों से दलितों के भीतर हीनता भाव को पुख्ता किया है।
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इसी प्रकार प्राचीन साहित्य-परम्परा पर प्रहार करते हुए श्री पुरुषोत्तम सत्यप्रेमी कहते हैं-' ' वर्ण-व्यवस्था के अमानवीय बंधनों ने शताबिद्यों से दलितों के भीतर हीनता भाव को पुख्ता किया है।
9.
उसने शायद यह पहली बार अनुभव किया कि घृणा, उपेक्षा और दरिद्रता का बोझ वहन करते हुए हीनता भाव से ग्रसित होकर किसी प्रकार जी लेना ही उसकी नियति नहीं है।