During the trial all established procedures were given a go-by and a totally novel , high-handed procedure was adopted for convicting and passing the sentences in the Bhagat Singh case . भगत सिंह के इन मुकदमों के दौरान सभी स्थापित नियम-प्रक्रियाओं के चिथड़े उड़ा दिये गये थे और उन्हें दोषी ठहराते वक़्त , सजाएं सुनाते वक़्त एक बिलकुल नया मनमाना ढंग अपनाया गया था .