| 11. | निषिद्ध कर्म क्या हैं तथा अकर्म क्या हैं ?
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| 12. | कर्म , अकर्म, विकर्म, पाप-पुण्य - सब कुछ तो है।
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| 13. | कर्म , अकर्म, विकर्म, पाप-पुण्य - सब कुछ तो है।
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| 14. | अत : काव्य-सर्जना को अकर्म दशा मानना चाहिए।
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| 15. | यही तो अकर्म है , निष्काम है।
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| 16. | क्योंकि कर्म से ही अकर्म पैदा होता है ।
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| 17. | और प्रकृति को अकर्म का फल देना पड़े . ....
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| 18. | मैने पूर्व-जन्म में कोई अकर्म किया होगा।
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| 19. | कर्म , विकर्म और अकर्म तीनों को जानना होगा।
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| 20. | अकर्म वह है जिसमें स्वार्थ निहित है।
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