इसके साथ ही इस बात को लेकर भी बहस शुरू हो गयी है कि क्या भाकपा ( माओवादी ) संगठन में तीसरा स्थान मनहूस है , यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि सुरक्षा बलों की ओर से जिन दो शीर्ष नक्सली नेताओं किशनजी और आजाद को मारा गया तब वे अधिक्रम में तीसरा स्थान ही हासिल किये हुए थे।