| 11. | ↑ डिकेन्स 2003 , पी.178 (पुस्तक 2, अध्याय 15)
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| 12. | ॥३५॥ भगवान श्रीकृष्ण श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 3 श्र्लोक 35
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| 13. | श्रीमदभगवत गीता दूसरा अध्याय ( श्लोक ६१ -६५ )
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| 14. | पहला अध्याय ' पराधीनता का यथार्थ' सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है।
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| 15. | पाँचवा अध्याय तो द्रुत गति से भागता है।
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| 16. | मत्स्यपुराण के 111वें अध्याय में युधिष्ठिर के प्रति
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| 17. | ↑ अध्याय 10 “पूर्वी एशिया के विकास राज्य . ”
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| 18. | अभी देखो प्रमोदजी से एक अध्याय लिखवाता हूं।
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| 19. | में यह अध्याय शुरू किया गया था मेरे
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| 20. | मूल्य - एक अध्याय , 8 और 9 पृष्ठों
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