| 11. | स्वयं नित्य-निरंतर रहनेवाला होनेपर भी अनित्य वस्तुओं की
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| 12. | नित्य अनित्य विवाद के द्वै तूंबा निरधार ।।
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| 13. | के प्रभाव से मनुष्य अनित्य में नित्य ,
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| 14. | सम्बन्धी , अपने , पराये आदि सब अनित्य
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| 15. | नैयायिक उसे इच्छारूप और नित्य अनित्य बताते हैं।
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| 16. | प्रकृति अनित्य है और परमात्मा नित्य है ।
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| 17. | स्पष्ट नित्य अनित्य जिसको , वृति भी निष्काम हो।
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| 18. | अनित्य इसलिए कि इसमें नित्य का वर्तमान नहीं .
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| 19. | नैयायिक उसे इच्छारूप और नित्य अनित्य बताते हैं।
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| 20. | स्कन्धों की भाँति आत्मा भी अनित्य हो जाएगा।
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