( 1) आंतभौंम जल एक ऐसे रंध्रमय और अप्रवेश्य शैल के अंदर संचित हो जिसके ऊपर और नीचे दोनों ओर अपारगम्य शैल अवस्थित हों, (2) स्तरों के प्रवण की दिशा में जल के बहकर निकल जाने का मार्ग अवरूद्ध हो और (3) जल का मूल स्रोतस्थान, कुँआ बनाने के स्थान से इतनी ऊँचाई पर हो कि वांछनीय तरल स्थैतिक दाब उत्पन्न हो, जिसके प्रभाव से कुआँ बनने पर जल स्वत: धरातल तक ऊपर उठ जाय।
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( 1) आंतभौंम जल एक ऐसे रंध्रमय और अप्रवेश्य शैल के अंदर संचित हो जिसके ऊपर और नीचे दोनों ओर अपारगम्य शैल अवस्थित हों, (2) स्तरों के प्रवण की दिशा में जल के बहकर निकल जाने का मार्ग अवरूद्ध हो और (3) जल का मूल स्रोतस्थान, कुँआ बनाने के स्थान से इतनी ऊँचाई पर हो कि वांछनीय तरल स्थैतिक दाब उत्पन्न हो, जिसके प्रभाव से कुआँ बनने पर जल स्वत: धरातल तक ऊपर उठ जाय।
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भारतवर्ष आज धर्मांतरण के रोग की प्रमुख आश्रय स्थली बन चुका है | चीन और उसके पार वाले देश इस विषाणु के लिए अप्रवेश्य हैं | और बाकी दुनिया में , भारतवर्ष के पश्चिम में जितना धर्मांतरण हो सकता था - हो चुका है - अब तो बस वहां एक शाखा ( ईसाईयत ) से दूसरी शाखा ( इस्लाम ) को लपकना और उनकी छोटी-छोटी उपशाखाओं को पकड़ कर झूलने का ही खेल बचा है |