| 11. | धाम औ धारा को , माल बाल अबला को अरि,
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| 12. | काटेंगे अरि का मुंड या स्वयं कटेंगे .
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| 13. | अरि च मित्रं च केशलीचवं च नैतान् त्वधिकुवीत सप्तः।।
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| 14. | प्रत्यनीक अरि सों न बस , अरि हितूहि दुख देय।
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| 15. | प्रत्यनीक अरि सों न बस , अरि हितूहि दुख देय।
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| 16. | प्रत्यनीक अरि सों न बस , अरि हितूहि दुख देय।
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| 17. | हम प्रलय-प्रभंजन जैसे अरि पर अर्रा कर
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| 18. | अरि करनी करि करिअ लराई॥सुनहु राम जेहिं सिवधनु तोरा।
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| 19. | न डरूं अरि सौं जब जाई लरूं . ..
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| 20. | शत्रु , दुश्मन, वैरी, विरोधी, बैरी, मुद्दई, अरि,
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