| 11. | व्याधपतंग के निंफ का ओष्ठ (
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| 12. | मुख प्रदेश में कण्ठमूल , तालु, मूर्घा, दन्तमूल और ओष्ठ हैं।
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| 13. | की निम्न ओष्ठ कृंतक पेशी (
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| 14. | उवर्ग , पवर्ग , उपध्यमानीय ओष्ठ
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| 15. | ‘ इ ' निचले ओष्ठ की सहायता से बोली जाती है।
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| 16. | नीचे के ओष्ठ पके बिम्ब फल ( कुंदरू) की भांति लाल है।
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| 17. | पांच भीतरी- जिह्वा-मूल , दन्त , नासिका , ओष्ठ तथा तालु।
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| 18. | पांच भीतरी- जिह्वा-मूल , दन्त , नासिका , ओष्ठ तथा तालु।
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| 19. | नीचे के ओष्ठ पके बिम्ब फल ( कुंदरू) की भांति लाल है।
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| 20. | मुख में कण्ठ , तालु, मूर्घा, दन्त और ओष्ठ आभ्यान्तर स्थान कहलाते हैं।
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