| 11. | द्वारा ही पृथक् पहचान लिया जाता है , जैसे कुछ कशेरुकी (
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| 12. | क्रमिक विकास में इनका स्थान उभयचर प्राणियों और उष्ण रक्त कशेरुकी ( रीढ़धारी)
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| 13. | विशिष्ट नाज़ुक अस्थि-भंग कशेरुकी स्तंभ , पसली, कूल्हे और कलाई में होते हैं.
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| 14. | विशिष्ट नाज़ुक अस्थि-भंग कशेरुकी स्तंभ , पसली, कूल्हे और कलाई में होते हैं.
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| 15. | कशेरुकी जीवों में पायी जाने वाली एक प्रकार की ग्रन्थि होती है।
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| 16. | महिलाओं में कशेरुकी फ्रैक्चर के खतरे को कम कर देता है एन
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| 17. | वृद्धि काल की प्रारंभिक आकृतियाँ प्राचीन कशेरुकी आकृतियों से मिलती जुलती हैं।
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| 18. | वृद्धि काल की प्रारंभिक आकृतियाँ प्राचीन कशेरुकी आकृतियों से मिलती जुलती हैं।
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| 19. | ( 1) ऐग्नाथा (Agnatha) - इस वर्ग के अंतर्गत बिना जबड़ेवाले कशेरुकी आते हैं।
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| 20. | अग्न्याशय कशेरुकी जीवों की पाचन व अंतःस्रावी प्रणाली का एक ग्रंथि अंग है।
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