| 11. | अबके कवि खद्योत सम जह-तह करत प्रकाश।।
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| 12. | खद्योत कीट के नर तथा मादा दोनों उड़ते हैं।
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| 13. | अबके कवि खद्योत सम , जहँ तहँ करहिं प्रकास॥
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| 14. | ऐसे में खद्योत भी पाते हैं सत्कार
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| 15. | अबके कवि खद्योत सम जह तह करत प्रका श .
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| 16. | कब मिलि अमित खद्योत रविसम होंहिं कहहिं बिचारि कै।
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| 17. | जुगनू अथवा खद्योत अद्भुत कीट है।
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| 18. | जुगनू अथवा खद्योत अद्भुत कीट है।
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| 19. | बाकी के खद्योत सम , जहं तहं करत प्रकास '
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| 20. | इसी प्रकार ' खद्योत' के सहसा चमक उठने पर यह कैसी
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