| 11. | गाथा तुम्हारे द्वारा , उसकी लिखी हुई है।
|
| 12. | उस स्वर्ण काल की गाथा देवगढ़ का प्रत्येक
|
| 13. | त्रिलोकप्रज्ञप्ति ( गाथा 887-892) में गंधकुटी का वर्णन है।
|
| 14. | जैसे द्रौपदी के पाँच पतियों की गाथा है।
|
| 15. | विस्तार गाथा , प्रत्येक संदर्भ में सुआ मध्यस्थ का
|
| 16. | ( नागर्जुन की कविता हरिजन गाथा पर एक टिप्पणी)
|
| 17. | बाबा नागार्जुन , हरिजन गाथा और दलित विमर्श
|
| 18. | निनाद गाथा : मसखरा कवि से अधिक प्रणम्य है
|
| 19. | वीरांगना चमेली बावी : एक अविस्मरणीय समर गाथा
|
| 20. | यह अनवरत चलने वाले संघर्ष की गाथा है।
|