| 11. | दिए हैं , पर ऐसे अप्रस्तुतविधान केवल छोटाई, बड़ाई या आकृति को ही पकड़कर,
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| 12. | छोटाई और बड़ाई की तुलना के लिए दो वुजूद होना लाज़िमी है ।
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| 13. | इसी छोटाई बड़ाई के हिसाब से आलोक रेखाएँ अनेक रंगों की होती हैं।
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| 14. | छोटाई और बड़ाई की तुलना के लिए दो वुजूद होना लाज़िमी है ।
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| 15. | कहने का मतलब यह कि चिरकुटई में तात्कालिक छोटाई बड़ाई तो चल सकती है।
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| 16. | ऐसे अप्रस्तुत विधान केवल छोटाई , बड़ाई या आकृति को ही पकड़कर केवल उसी का
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| 17. | प्रेष्य भाव या विचारधारा की छोटाई बड़ाई के हिसाब से छोटे बड़े चरणों की
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| 18. | कहने का मतलब यह कि चिरकुटई में तात्कालिक छोटाई बड़ाई तो चल सकती है।
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| 19. | 2 ईधर में उत्पन्न आलोकतरंग छोटाई बड़ाई के हिसाब से अनेक प्रकार के होते
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| 20. | वर्णव्यवस्था की छोटाई बड़ाई का यह अभिप्राय नहीं था कि छोटी श्रेणी के लोग
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