| 11. | गुण- गुरु , स्निग्ध, रस- मधुर, तिक्त , कषाय
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| 12. | हरड़ में मधुर , तिक्त और कषाय रस रहता है।
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| 13. | हरड़ में मधुर , तिक्त और कषाय रस रहता है।
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| 14. | लरजते हैं भयावह तिक्त बधिर मूक स्वप्न&
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| 15. | यथा -मधुर , खट्टा, नमकीन, तिक्त, कषाय एवं कटु ।
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| 16. | लरजते हैं भयावह तिक्त बधिर मूक स्वप्न
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| 17. | हरीतकी में मधुर अम्ल कटु कषाय तिक्त रस है।
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| 18. | मन घृणा से तिक्त हो उठा था।
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| 19. | अम्ल का अर्थ होता है खट्टा , तिक्त स्वादयुक्त।
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| 20. | अम्ल का अर्थ होता है खट्टा , तिक्त स्वादयुक्त।
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