| 11. | रक्त निकालने के लिए जोंक , सींगी , तुंबी , प्रच्छान तथा शिरावेध का प्रयोग होता है।
|
| 12. | रक्त निकालने के लिए जोंक , सींगी , तुंबी , प्रच्छान तथा शिरावेध का प्रयोग होता है।
|
| 13. | हिंदी में इसे तूंबा , तूंबी, तुंबा, तुंबी, तूंबड़ा, तूंबड़ी, तूमड़ा, तूमड़ी, तोमड़ी, तुंबरी आदि भी कहते हैं।
|
| 14. | इस साल जुलाई में निंगथेमजाओ की पत्नी एल तुंबी ने राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त को आवेदन दिया।
|
| 15. | कड़वी तुंबी के बीज पानी में पीस कर बिवाइयों पर लगाने से बिवाइयां मिट कर पांव मुलायम हो जाएंंगे।
|
| 16. | तुंबी में भर कर रखे जल को पीने से रक्त विकार , फोड़े-फुंसी, खुजली तथा त्वचा के रोग नष्ट हो जाते हैं।
|
| 17. | इस दिन प्रातः उठ कर सूर्योदय से पहले एक तुंबी ( लौकी ) को अपने सिर पर से घुमाने के बाद स्नान करना चाहिए।
|
| 18. | 15 . कड़वी तुंबी के बीजों के तेल में कपड़े की बत्ती बनाकर जलाएं और उससे काजल पार कर आंखों में अंजन की भांति लगाएं।
|
| 19. | कड़वी तुंबी के बीजों के बारीक पिसे चूर्ण की दो ग्राम मात्रा सुबह छाछ के साथ देने से भी अमाशय के कृमि नष्ट हो जाते हैं।
|
| 20. | योनि का ढीलापन दूर करने के लिए कड़वी तुंबी के बीज और लोध पानी में पीसकर योनि के अन्दर लेप करने से संकोचन हो जाता है।
|