| 11. | नानक भव-जल-पार परै जो गावै प्रभु के गीत॥
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| 12. | नानक कहत जगत सभ मिथिआ , ज्यों सुपना रैनाई॥
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| 13. | नानक तिनकै संगि साथ , वडिआं सिउं किया रीस।।
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| 14. | नानक को साधुओं से लगाव तो था ही।
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| 15. | नानक पूरे पच्चीस साल तक पैदल ही घूमे।
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| 16. | सतगुरु नानक प्रगटया मिट्टी धुंध जग चानण होआ . ..
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| 17. | कहु नानक थिरु कुछ नहीं , सुपने जिऊँ संसार॥&
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| 18. | नानक कहते हैं- नाद , ओंकार तेरा द्वार है।
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| 19. | तब तक नानक नया गदरा तैयार कर देगा।
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| 20. | हैं जिन्हें नानक शाह पूरे हैं आगाह गुरु
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