| 11. | कोऊ नृप होय हमें का हानि . .. ?
|
| 12. | वह सब आलसहीन नृप , करे एकदम प्राप्त ॥
|
| 13. | परी सेना शाल्व नृप की भरी जुद्ध उछाह
|
| 14. | ताहि देत हरिचन्द नृप विश्वामित्र हि आज ।।
|
| 15. | कमला तजन जय शिव नृप कवि हरिचन्द1 ।।
|
| 16. | हमें चिंता नहीं है कि नृप कौन होगा।
|
| 17. | ' कोऊ नृप होंय हमे का हानि ,
|
| 18. | मंगल सकल समाज , लखि नृप मंगल हो।
|
| 19. | सहचर-आश्रय रहित नृप , करें न स्थिरता लाभ ॥
|
| 20. | जैसे नृप लावे अतर , लेत सभा जन बास।।
|