इस परिवृत्ति में मनुष्य के बाहर के समस्त तथ्य वस्तुएं , स्थितियां तथा दशाएं सम्मिलित होती हैं।
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इस प्रकार पर्यावरण वह परिवृत्ति है जो के बाहर के समस्त तथ्य वस्तुएं स्थितियां तथा दशाएं सम्मिलित होती है ।
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शब्द के परिवृत्तिसह स्थलों में अर्थालंकार और शब्दों की परिवृत्ति न सहनेवाले स्थलों में शब्दालंकार की विशिष्टता रहने पर उभयालंकार होता है।
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शब्द के परिवृत्तिसह स्थलों में अर्थालंकार और शब्दों की परिवृत्ति न सहनेवाले स्थलों में शब्दालंकार की विशिष्टता रहने पर उभयालंकार होता है।
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शब्द के परिवृत्तिसह स्थलों में अर्थालंकार और शब्दों की परिवृत्ति न सहनेवाले स्थलों में शब्दालंकार की विशिष्टता रहने पर उभयालंकार होता है।
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कोमोस की प्रहसनात्मक गुप्ततंत्र क्रियाएँ ( बरलेÏस्कग और्गीज) से “अरिस्तोफ़नेस” के नाटकों में छद्मरूपक (टावेस्टी), परिवृत्ति (पैरोडी) और व्यंग्यचित्रण (कैरिकेचर) का अत्यंत भव्य सम्मिश्रण विकसित हुआ।
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कोमोस की प्रहसनात्मक गुप्ततंत्र क्रियाएँ ( बरलेÏस्कग और्गीज) से “अरिस्तोफ़नेस” के नाटकों में छद्मरूपक (टावेस्टी), परिवृत्ति (पैरोडी) और व्यंग्यचित्रण (कैरिकेचर) का अत्यंत भव्य सम्मिश्रण विकसित हुआ।
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इस प्रकार ‘ पर्यावरण ' वह परिवृत्ति है जो मनुष्य को चारों तरफ से घेरे हुए है तथा उसके जीवन और क्रियाओं पर प्रकाश डालती है।
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अब भी यही अर्थ उन साहित्यिक रूपों के लिए प्रयुक्त होता है जो परिवृत्ति ( अनुकृति काव्य, पैरोडी), व्यंग्यचित्रण (कैरीकेचर) और छदमरूपक (ट्रावेस्टी) की श्रेणी में आते हैं।
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अब भी यही अर्थ उन साहित्यिक रूपों के लिए प्रयुक्त होता है जो परिवृत्ति ( अनुकृति काव्य, पैरोडी), व्यंग्यचित्रण (कैरीकेचर) और छदमरूपक (ट्रावेस्टी) की श्रेणी में आते हैं।