| 11. | प्रभु प्रकट तब होकर आकर द्वार खड़े ।।
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| 12. | “ क्यों प्रभु कुछ राहत मिला ” ? ???
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| 13. | प्रभु श्री रामचन्द्रजी ने बार-बार कहा- हे तात !
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| 14. | इसी लिए प्रभु ने कहा है कि :
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| 15. | “ प्रभु महान , विचारूं कार्य तेरे ”
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| 16. | हे प्रभु ! मुझे तो तुम्हारी चाह है
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| 17. | प्रभु श्रीराम अगस्त्य से मिलने उनके आश्रम पहुँचे।
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| 18. | इंसान को उस प्रभु ने अपना रूप बनाया .
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| 19. | ओं स्व : प्रभु का आह्वान करता हूं।
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| 20. | ओं स्व : प्रभु का आह्वान करता हूं।
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