| 11. | इसके पीछे छिपे गूढ़ भावार्थ कुछ और हैं।
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| 12. | भावार्थ : - ऐसा विवेक मन में रखना।
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| 13. | भावार्थ : -भरत को देखते ही माता कौसल्याजी उठ दौड़ीं।
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| 14. | भावार्थ : - फिर सुबाहु को अग्निबाण मारा।
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| 15. | भावार्थ - जो व्यक्ति अपने स्थान पर बैठकर
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| 16. | श् लोक का भावार्थ नीचे दे रहा हूं।।
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| 17. | भावार्थ : -कहो तो, भक्ति मार्ग में कौन-सा परिश्रम है?
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| 18. | भावार्थ : - रसोई में ब्राह्मणों का मांस बना है।
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| 19. | भावार्थ सहित गीत प्रस्तुति के लिए धन्यवाद . .
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| 20. | भावार्थ : - सीताजी संकोचवश उत्तर नहीं देतीं।
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