| 11. | ‘‘आप बिल्कुल मनगढ़ंत बातें कहकर मुझे उल्लू मत
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| 12. | घर की शांति को भंग मत होने दो।
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| 13. | इस मत में प्रामाण्य और अप्रामाण्य दोनों परत :
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| 14. | क्या हुआ जो हिन्दू लोग आज उनके मत
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| 15. | तो आँसू मत बहाना मेरे पास लौट आना ,
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| 16. | बेकार की बातों में समय मत बरबाद करें।
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| 17. | ताड़ना भी दो , लेकिन उसके मुँह मत लगो।
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| 18. | अप करने के लिए पैच जल्दबाजी मत करो .
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| 19. | इसलिए तुम अपने निमित्त बहुत चेष्टा मत करो।
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| 20. | मुझे अपने पत्नी धर्म से मत डगमगाने दो… ! ”
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