कोई उसे हिन्दू कह कर उसकी निन्दा करता था , तो कोई अग्नि पूजक बतलाता था तथा मतांध की पदवी देता था।
12.
आजकल अनावश्यक विषयों पर मतांध लेख , व्यक्तिगत आक्षेप, आरोप-प्रत्यारोप, अमर्यादित भाषाशैली का प्रयोग कर अपने पोस्ट पर पाठक बुलाने की परंपरा विधमान है।
13.
क्योंकि बहुमत के आगे किसीकी नहीं चलती और वैसे भी मतांध को आप कैसे उन्मूलन का सिद्धांत या नए विचार समझा सकते हैं ?
14.
क्योंकि बहुमत के आगे किसीकी नहीं चलती और वैसे भी मतांध को आप कैसे उन्मूलन का सिद्धांत या नए विचार समझा सकते हैं ?
15.
आजकल अनावश्यक विषयों पर मतांध लेख , व्यक्तिगत आक्षेप , आरोप-प्रत्यारोप , अमर्यादित भाषाशैली का प्रयोग कर अपने पोस्ट पर पाठक बुलाने की परंपरा विद्यमान है।
16.
] अपने मत या विश्वास पर दृढ़ रहने वाला और उसके विरुद्ध कोई बात न सुनने वाला ; दुराग्रही , रूढ़िवादी ; मतांध ; अनुदार विचारवाला।
17.
] अपने मत या विश्वास पर दृढ़ रहने वाला और उसके विरुद्ध कोई बात न सुनने वाला ; दुराग्रही , रूढ़िवादी ; मतांध ; अनुदार विचारवाला।
18.
मतांध जनता तो ऐसे ग़ैर ज़िम्मेदार नेताओं पर पहले प्रतिक्रिया करती है , फिर डंडे उठा लेती है और फिर उनके हाथों में तलवार और बंदूकें भी आ जाती हैं.
19.
शास्त्रों के किताबी ज्ञान से उत्पन्न मतांध धारणाओं के कचरे को अपने मन से निकाल फेंको और उसके स्थान पर प्रत्यक्ष अनुभूति के आरोग्यप्रद मीठे जल को अंदर आने दो।
20.
यह सहानुभूति भी है कि उन्नीसवीं सदी के मतांध , संकीर्ण और दकियानूस हिन्दू समाज के रहते विवेकानंद जो कुछ भी कह पाए उसे बीसवीं सदी के चश्मे से देखा जा ए.