| 11. | ऋवर्ग , टवर्ग , ष मूर्धा
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| 12. | परन्तु इसका शुद्ध उच्चारण जिह्वा को मूर्धा ( मुँह की छत.
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| 13. | “ ऋ ” यह केवल मूर्धा स्थान का शुद्ध स्वर है।
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| 14. | कण्ठ से , नाक से, होठ से, मूर्धा से, तालू से होती है.
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| 15. | ललाट से मूर्धा तक के स्थान में उसका त्याग करना पड़ता है।
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| 16. | ललाट से मूर्धा तक के स्थान में उसका त्याग करना पड़ता है।
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| 17. | परन्तु इसका शुद्ध उच्चारण जिह्वा को मूर्धा ( मुँह की छत .
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| 18. | ( मूर्धा ) - ta t h a da d h a ńa
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| 19. | “री” में र ई ऐसे दो वर्ण मूर्धा और तालु स्थान के हैं।
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| 20. | अभिषिक्त जल इन्द्र की मूर्धा पर डालकर इन्द्र की मलिनता को शुद्ध किया गया।
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