| 11. | यजुर्वेद सूर्य और भगवान में फर्क नहीं करता।
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| 12. | ओंकार की मात्रा द्वितीया यजुर्वेद का रूप है ,
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| 13. | कृष्ण यजुर्वेद की आजकल चार शाखाएँ मिलती हैं-तैत्तिरीय
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| 14. | ब्रह्मिवद्या ( ४०) = कृष्ण यजुर्वेद, योग उपिनषद्
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| 15. | 27 - यजुर्वेद का प्रमुख देवता प्रजापती है।
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| 16. | कृष्ण यजुर्वेद साखा का एक उपनिषद् है चाक्षुषोपनिषद।
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| 17. | यजुर्वेद को मुख्यरूप से कर्मकाण्डपरक माना जाता है।
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| 18. | यजुर्वेद सूर्य और भगवान में फर्क नहीं करता।
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| 19. | ऋगवेद , यजुर्वेद , सामवेद और अथर्वे द.
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| 20. | ऋगवेद , यजुर्वेद , सामवेद और अथर्वे द.
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