| 11. | कवि वृंद ने विरहिणी के हृदय की पीड़ा को
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| 12. | साध्वी वृंद लोकाशाह स्थानक अशोक नगर में विराजित हैं।
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| 13. | कवि वृंद ने भी कहा है - ' जैसो बंधन
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| 14. | नव नभ के नव विहग वृंद को
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| 15. | नव तुलसी के वृंद बहु लखि हरसे कपिराय ।
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| 16. | समुदाय , समूह, झुंड, झुण्ड, वृन्द, वृंद, खेढ़ा,
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| 17. | गायक वृंद से भी कई कलाकार यहां आए थे।
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| 18. | मैहर वाद्य वृंद की प्रस्तुति से अभिभूत हुये श्रोता
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| 19. | ' वृंद सतसई' के कुछ दोहे हैं -
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| 20. | ' वृंद सतसई' के कुछ दोहे हैं -
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