वे त्रिमुख , षड्भुज , भस्मभूषित अंग वाले मस्तक पर जटा एवं ग्रीवा में रुद्राक्ष माला धारण किए हैं।
12.
वे त्रिमुख , षड्भुज , भस्मभूषित अंग वाले मस्तक पर जटा एवं ग्रीवा में रुद्राक्ष माला धारण किए हैं।
13.
जगज्जननी शिवाने गणेशजीकी षोडशोपचारसे पूजा की और उसी समय उनके सम्मुख अमित महिमामय , कुन्दधवल, षड्भुज, त्रिनयन भगवान् गणेश पुत्ररुपमें प्रकट हो गये।
14.
इस दशा में षड्भुज एक ऐसे समस्पंज अर्थात् कुटिल ( तिरछे skew) बहुफलक के फलक हो जाते हैं जिसके प्रत्येक शीर्ष पर चार षड्भुज है।
15.
इस दशा में षड्भुज एक ऐसे समस्पंज अर्थात् कुटिल ( तिरछे skew) बहुफलक के फलक हो जाते हैं जिसके प्रत्येक शीर्ष पर चार षड्भुज है।
16.
पंचभुजाकर छिद्रवाले १२ वलयों को इस प्रकार रखने पर कि षड्भुज होते जाए , वह तिर्यकछिन्न समविंशातिफलक बनता है जिसके शीर्षों से समपंचभुजाकारवाले सूचीस्तंभ काट लिए गए हैं।
17.
जगज्जननी शिवा ने गणेशजी की षोडशोपचार से पूजा की और उसी समय उनके सम्मुख अमित महिमामय , कुन्दधवल, षड्भुज, त्रिनयन भगवान गुणेश पुत्र रूप में प्रकट हो गए।
18.
जगज्जननी शिवा ने गणेशजी की षोडशोपचार से पूजा की और उसी समय उनके सम्मुख अमित महिमामय , कुन्दधवल , षड्भुज , त्रिनयन भगवान गुणेश पुत्र रूप में प्रकट हो गए।
19.
जगज्जननी शिवा ने गणेशजी की षोडशोपचार से पूजा की और उसी समय उनके सम्मुख अमित महिमामय , कुन्दधवल , षड्भुज , त्रिनयन भगवान गुणेश पुत्र रूप में प्रकट हो गए।
20.
श्री षड्भुज महाप्रभु मंदिर के अपने निवास में उन्होंने संस्कृत , अंग्रेजी, उर्दू, बंगला, मराठी, उड़िया, पंजाबी और गुजराती की लगभग 5000 पांडुलिपियों और किताबों का संग्रह किया जिसे वह पब्लिक लाइब्रेरी का रूप देना चाहते थे।