| 11. | सो , व्यक्तिगत हित सर्वोपरि हो जाता है।
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| 12. | लिखे जो देश समाज हित , लेखक कहिये सोय।।
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| 13. | बस अपने हित की बात ही सोचता रहता।
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| 14. | यह आम आदमी के हित में नहीं है।
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| 15. | अपने खुद के हित के टकराव की भी।
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| 16. | अन्य लोग इसे पुरः+ हित से बताते हैं।
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| 17. | देसिन के हित कछू तत्व कहुँ कैसहुँ नाहीं
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| 18. | उनका हित तुम्हारी ग़रीबी और बेरोज़गारी में है .
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| 19. | वृंदावन हित रुप तुमहूँ हरि उड़ाई धूरि ,
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| 20. | * “स्व” का विकास और समष्टिगत हित साधन
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