| 11. | दुर्गा जी का मन्त्र- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं
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| 12. | ॐ भद्रं कर्णेभिः शृणुयाम देवा , भद्रम्पश्येमाक्षभिर्यजत्राः ।।
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| 13. | ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि ।।
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| 14. | जहां-जहां ॐ आए ज़रा ज़ोर से उच्चारण करें।
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| 15. | ॐ अपने आप में सम्पूर्ण मंत्र है .
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| 16. | ॐ अरिष्टानि मेऽङ्गानि , तनूस्तन्वा मे सह सन्तु ।
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| 17. | कन्यादाता कहे- ॐ मधुपकोर् , मधुपकोर्, मधुपर्कः प्रतिगृह्यताम् ।
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| 18. | मनुष्यों में जो कोई ॐ को आह्लाद से।
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| 19. | ॐ कलशस्य मुखे विष्णुः , कण्ठे रुद्रः समाश्रितः।
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| 20. | १ . ॐ हराय नमः , २ .
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