| 21. | ( 3) कोरिनोस्पोरा अंगमारी पत्तियों पर अनियंत्रित बैंगनी धब्बा तथा तने पर लग्ते बैंगनी धब्बे बनते हैं।
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| 22. | दानों का रंग सफेद होकर किस्म फाईटोफथोरा अंगमारी , आल्टरनेरिया पत्तीधब्बा तथा जीवाणु अंगमारी के प्रति सहनशील है।
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| 23. | दानों का रंग सफेद होकर किस्म फाईटोफथोरा अंगमारी , आल्टरनेरिया पत्तीधब्बा तथा जीवाणु अंगमारी के प्रति सहनशील है।
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| 24. | यह किस्म अगेती , पछेती अंगमारी की प्रतिरीधी है तथा कुछ हद तक विषाणू जनित रोग प्रतिरोधी भी है।
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| 25. | अगेती अंगमारी , पछेती , पत्तियों का मुड़ना , चित्ती रोग व सूत्रकृमि आलू की मुख्य बीमारी हैं।
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| 26. | स्तंभछिद्रक ( स्टेम बोरर), आड़ू अंगमारी (पीच ब्लाइट) तथा पर्णपरिकुंचन (लीफ कर्ल) इसके लिए हानिकारक कीड़े तथा रोग हैं।
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| 27. | पर्णच्द्दद अंगमारी ( जीवाणु झुलसा ) बीमारी को फैलने से रोकने के लिए जल भराव नही होना चाहिये।
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| 28. | स्तंभछिद्रक ( स्टेम बोरर), आड़ू अंगमारी (पीच ब्लाइट) तथा पर्णपरिकुंचन (लीफ कर्ल) इसके लिए हानिकारक कीड़े तथा रोग हैं।
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| 29. | एक अंगमारी है , जिसने टकीला के उत्पादन के लिए उगाए जाने वाले एगेव की उपज को कम किया है.
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| 30. | सफेद रंग के दानों वाली किस्म होकर फाईटोफथोरा अंगमारी एवं मेक्रोफोमिना तना एवं जड़ सडन बीमारी के लिये सहनशील है।
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