! ! स्टेज के पिछे , यहाँ समर्पित अनुबोधक कलाकार को , ये महसूस हुआ कि , उसके बिलकुल धीरे से फुसफुसाने के कारण , हीरो साहब को शायद नेपथ्य से संवाद सुनाई नहीं देते होंगे , अतः अनुबोधक ने फुसफुसाना बंद करके , ज़रा उँची आवाज़ में , हीरो को संवाद याद कराना शुरू किया ..
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! ! स्टेज के पिछे , यहाँ समर्पित अनुबोधक कलाकार को , ये महसूस हुआ कि , उसके बिलकुल धीरे से फुसफुसाने के कारण , हीरो साहब को शायद नेपथ्य से संवाद सुनाई नहीं देते होंगे , अतः अनुबोधक ने फुसफुसाना बंद करके , ज़रा उँची आवाज़ में , हीरो को संवाद याद कराना शुरू किया ..