| 21. | आज का सदविचार ' ' अभिमान का त्याग ''
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| 22. | अभिमान को जीत से नम्रता जाग्रत् होती है।
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| 23. | भगवान को दैन्य प्रिय है और अभिमान अप्रिय।
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| 24. | अपने अभिमान में चूर ठहाके लगा रहा था।
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| 25. | गंभीर घोर अभिमान हिए , छकि पारिजात मधुपान किए
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| 26. | सब लेकिन सपनों का अभिमान अभी बाकी है।
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| 27. | क्या बोलें उस ज्ञान को , जो अभिमान जगाय
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| 28. | “ज्यों-ज्यों अभिमान कम होता है , कीर्ति बढ़ती है।”
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| 29. | उसी अभिमान को कबीर ने इसमें तोड़ा है।
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| 30. | करि मनुहार न्योति आई अपुनो अभिमान समेटी !
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