| 21. | फलतः बन्ध का मूल निमित्त अविवेक है ।
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| 22. | सहसा विदधीत न क्रियां अविवेक : परमापदां पदम्
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| 23. | यह तो बिलकुल अविवेक ही गिना जाएगा।
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| 24. | तमस निष्क्रियता तथा अविवेक की शक्ति है।
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| 25. | अविवेक पूर्ण स्तेमाल कई गुल खिला सकता है .
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| 26. | 1।।1 . विवेक के बिना सामायिक करे, तो अविवेक दोष।
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| 27. | मृतक भोज भी अविवेक पूर्ण न हो
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| 28. | कैसे घोंट दूंगा अविवेक होकर भला ? '
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| 29. | जब तक अज्ञान और अविवेक का साम्राज्य है ।
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| 30. | बन्ध का मूल निमित्त अविवेक है ।
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