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शब्दकोश > हिंदी शब्दकोश > "अश्म" अर्थ

अश्म का अर्थ

उदाहरण वाक्य
21.अश्म कसीस या फेरस सल्फेट ( ferrous sulphate ) तथा माक्षिक ( pyrites ) का उपयोग अनेक रोगों ( जैसे-दाद या पामा , कुष्ठ , योनिरोग आदि ) में बताया गया है।

22.जो पुरुष शास्त्रीय उपाय अवधात को त्यागकर अश्म कुट्टनादि या नखविदलनादि से वैतुष्य करता हो उसे शास्त्रीय विधि के अनुसार अवधात से ही वैतुष्य करना चाहिए - “ब्रीहीनवहन्यादेव” यहाँ अवधात के प्रत्यक्ष होने पर भी अवधात नियम अप्रत्यक्ष है।

23.जो पुरुष शास्त्रीय उपाय अवधात को त्यागकर अश्म कुट्टनादि या नखविदलनादि से वैतुष्य करता हो उसे शास्त्रीय विधि के अनुसार अवधात से ही वैतुष्य करना चाहिए - “ ब्रीहीनवहन्यादेव ” यहाँ अवधात के प्रत्यक्ष होने पर भी अवधात नियम अप्रत्यक्ष है।

24.पृथ्वी पर किसी समय जीवित रहने वाले अति प्राचीन सजीवों के परिरक्षित अवशेषों या उनके द्वारा चट्टानों में छोड़ी गई छापों को जो पृथ्वी की सतहों या चट्टानों की परतों में सुरक्षित पाये जाते हैं उन्हें जीवाश्म ( जीव + अश्म = पत्थर) कहते हैं।

25.झर्झरिका ( ethmoidal ) , वीडिअन ( vidian ) और बड़ी सतही अश्म ( petrosal ) तंत्रिकाओं का वैद्युत उद्दीपन भी छींक पैदा कर सकता है किन्तु त्रिधारा ( trigeminal ) तंत्रिका को उत्तेजित करने से छींक का आना कतई जरूरी नहीं है .

26.पृथ्वी पर किसी समय जीवित रहने वाले अति प्राचीन सजीवों के परिरक्षित अवशेषों या उनके द्वारा चट्टानों में छोड़ी गई छापों को जो पृथ्वी की सतहों या चट्टानों की परतों में सुरक्षित पाये जाते हैं उन्हें जीवाश्म ( जीव + अश्म = पत्थर ) कहते हैं।

27.' सिलिकोल ' विधि में सिलिकन या फेरो सिलिकन पर सोडियम हाइड्राक्साइड की क्रिया से ; ' हाइड्रोलिथ ' ( जलीय अश्म ) विधि में कैलसियम हाइड्राइड पर जल की क्रिया से ; ' हाइड्रिक ' विधि में एलुमिनियम पर सोडियम हाइड्राक्साइड की क्रिया से प्राप्त होता है।

28.शब्दार्थ इस प्रकार हुआ - ज्ञान- विज्ञान प्राप्त करके तृप्तचित्त हुआ ( ज्ञान विज्ञान तृप्तात्मा ) , निर्विकार ( कूटस्थः , इंद्रियों को जीतने वाला ( विजितेन्द्रियः , मिट्टी- पत्थर और स्वर्ण में समान दृष्टि रखने वाला ( समलोष्ट - अश्म ) योगी पुरुष ( योगी ) ब्रह्म में प्रतिष्ठित ( युक्तः इति , कहे जाते हैं ( उच्यते ।

29.अध्येता ने पश्चिमी हिमालच ( उत्तराखंड में ) मध्य ऊंचाई बेल्ट ( निचले हिमालय ) में 5 चुनिंदा झरनों की जल उत्पादकता एवं गुणवत्ता पर झरना पुनर्भरण क्षेत्र में वर्षा, भूआकृति विज्ञान, अश्म विज्ञान, ढ़लान एवं पहलू, भूमि उपयोग पद्धति, वनस्पति, ऊंचाई, मृदा के प्रकार तथा मानवजनित हस्ताक्षेपें ( अर्थात सड़क निर्माण तथा स्थापन आदि ) के प्रभाव को समझने का प्रयास किया है ।

30.इन तीन विशेषताओं वाला , ज्ञान- विज्ञान तृप्तात्मा , अविकारी , जितेंद्रिय व्यक्ति ही भगवान की दृष्टि में ऐसा योगी है , जिसे ब्रह्म में प्रतिष्ठित योगी कहा जा सकता है , किंतु ऐसे व्यक्ति को बहिरंग जगत् में पहचानें कैसे ? उसके लक्षण क्या होते हैं ? श्रीकृष्ण आगे इसी श्लोक में कहते हैं ‘‘ समलोष्ट - अश्म अर्थात् वह मिट्टी- पत्थर और स्वर्ण में समान दृष्टि रखता है।

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