| 21. | जहाँ तक नेत्र देख सकते हैं आकाश के
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| 22. | तो शायद सबसे दूर मुक्त आकाश में विचरती
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| 23. | खुले आकाश का स्थान पर्दा ने ले लिया।
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| 24. | भीतर के आकाश की पूर्णता भी यही है।
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| 25. | और आकाश में टाँग दिया एक लाल तारा
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| 26. | आकाश के तारो में खोया हे जहाँ सारा
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| 27. | तूफान शांत हुआ और आकाश साफ हो गया।
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| 28. | क्या धरती ? आकाश तक, है होली के संग।
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| 29. | क्या धरती ? आकाश तक, है होली के संग।
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| 30. | आकाश सालुंखे , यावाली, तालुका : मोहोल (शोलापुर), महाराष्ट्रट
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