| 21. | पीड़ा अधिक या क्रोध -विचलित हैं पार्थ !
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| 22. | क्रोध , कसाई हैं बुरा, समझो इसको आप !
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| 23. | लेकिन क्रोध और वाणी पर नियंत्रण रखना होगा।
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| 24. | क्रोध -बोध के बीच में , चलता सतत विरोध।
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| 25. | के क्रोध को भड़काने के लिए पर्याप्त था .
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| 26. | ईर्ष्या , क्रोध हमारे भीतर तो नहीं है।
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| 27. | ईर्ष्या , क्रोध हमारे भीतर तो नहीं है।
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| 28. | क्रोध में कोई कदम उठाने में देरी करें .
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| 29. | लिए ऐसी स्थिति में क्रोध न करके देखें।
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| 30. | “क्रोध पर नियंत्रण” क्रोध गठरिया जिजीविषा और विजिगीषा
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