| 21. | इसी प्रकार ' खद्योत' के सहसा चमक उठने पर यह कैसी
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| 22. | ” सुनु दसमुख खद्योत प्रकासा , कबहूँ कि नलिनी कराइ विकासा ||
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| 23. | अब के कवि खद्योत सम जंह तँह करत प्रका श . ”
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| 24. | शायद , फोेट्युरिस खद्योत की मादाएँ बहुत कम ऐसा धोखा करती हों।
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| 25. | और ये खद्योत तथा उनकी इल्लियाँ क्यों ऐसा करते हैं ?
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| 26. | अबके कवि खद्योत सम , ज हुं त हुं करत प्रकाश ।।
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| 27. | * * अब के कवि खद्योत सम जंह तंह करत प्रकास॥ . ..
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| 28. | शायद , फोेट्युरिस खद्योत की मादाएँ बहुत कम ऐसा धोखा करती हों।
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| 29. | कुछ अपवादों के साथ , खद्योत हरे रंग की द्युति ही बिखेरते हैं।
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| 30. | कुछ अपवादों के साथ , खद्योत हरे रंग की द्युति ही बिखेरते हैं।
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