| 21. | तो लीजिए पेश है आज की गज़ ल . ....
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| 22. | दो गज़ ज़मीं भी ना मिली कूये यार में .
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| 23. | कंधार के तुर्कों को गज़ तुर्क की पहचान मिली।
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| 24. | उसका सीना साठ गज़ का था .
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| 25. | सिर्फ़ दो गज़ ही निशां रह जायेगा
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| 26. | दो गज़ ज़मीं भी न मिली !
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| 27. | दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार
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| 28. | दो गज़ ज़मीं भी ना मिली . ...........................
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| 29. | वह जब उनसे तीन-चार गज़ दूर रह गया ,
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| 30. | कंधार के तुर्कों को गज़ तुर्क की पहचान मिली।
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