तक़दीर के द्वारा हुज्जत पकड़ना केवल उन दुर्घटनाओं और मुसीबतों के समय उचित है जिन से मनुष्य पीड़ित होता है जैसे निर्धनता , बीमारी , किसी क़रीबी की मृत्यु , खेती का नष्ट हो जाना , सम्पत्ति का घाटा होना , गलती से किसी की हत्या कर देना और इन्हीं के समान अन्य चीज़ें , तो यह अल्लाह तआला को रब मानने पर संपूर्ण प्रसन्नता में से है , इसलिए तक़दीर को तर्क बनाना मुसीबतों पर होता है , बुराईयों पर नहीं।