गीता में कृष्ण कहते हैं - ‘‘ जो कुछ भी गौरव , चारुता और सौन्दर्य से युक्त है , उसे मेरे ही तेज के अंश से उत्पन्न समझो।
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- - - - - - ऋत नामक उदक के प्रभाव से सोम वर्धमान होकर चारों कोशों में चारुता ( सुन्दरता ) ले आता है - - - ।
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इस प्रकार उपमान ही कवि की वर्ण्य-वस्तुओं को सजीव और साकार बनाते हैंतथा इन्हीं के माध्यम से कवि की मूक भावनाएँ अथवा अमूर्त अनुभूतियाँ अपनीसमग्र चारुता के साथ काव्य-क्षेत्र में प्रकट होती हैं .
24.
एक ही संस्कृति की अवधारणा इस महादेश की शिराओँ को विवध रूपों में पोषण दे रही है , जिसका निखार इन भाषाओँ -भूषाओँ , और जीवन-पद्धतियों में चारुता का संचार कर रहा है .
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वह प्रसूति-पीड़ा के सुखद परिणाम की प्रतीक्षा स्वरूप कुछ ऐसी सृष्टि कर देता है जो नवीनता , चारुता, सैद्धांतिकता, उपयोगिता अपने आनंद के संप्रेषण के सर्जक या कवि तथा सहृदयी-पाठक दोनों को अभिभूत कर देता है।
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वह प्रसूति-पीड़ा के सुखद परिणाम की प्रतीक्षा स्वरूप कुछ ऐसी सृष्टि कर देता है जो नवीनता , चारुता, सैद्धांतिकता, उपयोगिता अपने आनंद के संप्रेषण के सर्जक या कवि तथा सहृदयी-पाठक दोनों को अभिभूत कर देता है।
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इनमें से प्रत्येक मंदिर एक ऊंचे चिकनाईदार चबूतरे पर निर्मित है जिसकी बनावट विशिष्ट रुप से ऊर्ध्वगामी है जिनका प्रक्षेपण भी ऊपर की ओर है ताकि चारुता और भारहीनता का प्रभाव निर्मित किया जा सके ।
28.
ये हैं- पूर्वा , प्रियम स्नेह , चारुता गुप्ता , ऋषभ गर्ग , सौहार्द डोभाल , राजा विक्रम , मो . अनस ‘ राजा ' , कु . उमा देवी , दुष्यंत कुमार फेकर और शुभम तिवारी।
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ये हैं- पूर्वा , प्रियम स्नेह , चारुता गुप्ता , ऋषभ गर्ग , सौहार्द डोभाल , राजा विक्रम , मो . अनस ‘ राजा ' , कु . उमा देवी , दुष्यंत कुमार फेकर और शुभम तिवारी।
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प्रकृति के रंग और सौंदर्य कौटुम्बिक सुख स्त्रीत्व का खुमार चरित्र की चारुता भौतिक उपलब्धियाँ आत्मिक संतुष्टि मित्र , धन , समाज इन सब ने हर क्षण कराया मुझे अनुभूत कि जी रही हूँ मैं एक अलंकारिक सुखद जीवन