पीडब् ल् यूडी के एक सहायक अभियन्ता को अपने नौकरानी के साथ छेड़खानी करना काफी महंगा पड़ गया और उन्हें जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जेल भेज दिया।
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यहाँ पुराने हिस्सों से छेड़खानी करना मना इसलिए वहाँ पर पुराने हिस्से के बीच में नये पुराने का मिलन तो नहीं होता , हाँ बाहर के हिस्सों पर होता है!
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मुझे भी खटका था लेकिन एक ऐतिहासिक [ दिल को बहलाने का अच्छा ख्याल , ; ) हम भी विशिष्ट जन हैं ] द्स्तावेज से छेड़खानी करना ठीक नहीं समझा।
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” वर्ष 2001 में तहलका के स्टिंग आपरेशन से शर्मिदगी का सामना कर चुकी भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) ने कहा कि छेड़खानी करना नई परिभाषा के तहत कानून के तहत दुष्कर्म की श्रेणी में आता है।
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“हाँ ! ...ज़बान भी कुछ ज़्यादा ही टर्र-टर्र करने लगी थी उसकी...एक-एक काम के लिए कई-कई बार आवाज़ लगानी पड़ती थी उसे...जब आयी थी तो इतनी भोली कि बिजली का स्विच तक ऑन करना नहीं आता था उसे और अब…अब तो टीवी के रिमोर्ट के साथ छेड़खानी करना तो आम बात हो गई थी उसके लिए”...
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शहर के कोड़ार मोहल्ला स्थित कोचिंग ( शैक्षणिक संस्थान)में इण्टर की पढायी करने वाली ब्लौक रोड बरवा निवासी छात्रा के साथ सोमवार को एक युवक द्वारा छेड़खानी करना काफी महंगा पड़ गया और अन्ततःयुवक की धुनाई के बाद दर्जनो लोगो की मौजूदगी में छेड़खानी करने वाले उक्त युवक को छात्रा से राखी बंधवाना पड़ा और बहन कह कर माफी मांगनी पड़ी।
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“ हाँ ! … ज़बान भी कुछ ज़्यादा ही टर्र-टर्र करने लगी थी उसकी … एक-एक काम के लिए कई-कई बार आवाज़ लगानी पड़ती थी उसे … जब आयी थी तो इतनी भोली कि बिजली का स्विच तक ऑन करना नहीं आता था उसे और अब … अब तो टीवी के रिमोर्ट के साथ छेड़खानी करना तो आम बात हो गई थी उसके लिए ” …
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अपनी दिनचर्या के क्रम में छेड़खानी करना छोड़ दो . ..पुरे छ घंटे की नींद ले लो ...शायद ही डॉक्टर की जरूरत पड़े ....ये आजमाया हुआ नुस्खा है .....साधारण बुखार हो तो एंटी बायोटिक दवाओं की जगह सादी दवाई लो ...शरीर को भारी दवाओं का आदि मत बनाओ ...जिंदगी ही तो सब कुछ है ...जब जिंदगी ही ना रहे तो सब कुछ पास हो पर इसका मतलब नहीं ....
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यौवन के साथ थोड़ी उच्छृंखलता स्वाभाविक सी मानी जाती है लेकिन साफ सुथरे स्थानों पर पीक मारना , लोगों के मुँह पर धुँआ उड़ाना , स्त्रियों के साथ जुगुप्सित छेड़खानी करना , ताजी बनी दीवार पर भद्दे नारे लिख मारना , सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फेंकना आदि आदि सब को सौन्दर्यबोधी चेतना के अभाव से जोड़ा जा सकता है और अगर कोई बताने का प्रयास करे तो उस पर उखड़ जाना अमानवीयता से।
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कुल्लू / शिमला। बेटा अपने काम के लिए हर दिन की तरह शनिवार को भी निकला गया था। इसके कुछ ही देर बाद उसके पिता ने अपनी बहू को अपने पास बुलाया। पहले तो उसने कुछ लाने को कहा। बहू जब सामान लेकर आई तो ससुर ने उसके साथ पहले छेड़खानी करना शुरू कर दिया और फिर उसके साथ दुराचार करने का प्रयास किया। आगे की स्लाइड में पढ़िए उसकी शादी के अभी तीन महीने ही हुए थे