सिंधु घाटी की सभ् यता ( जिसके चिन् ह सरस् वती नदी के लुप् त मार्ग से सब जगह बिखरे हैं ) नियोजित नगरों के लिए-सड़कें , मार्ग , नालियॉं , जल-निकास , मंदिर , भंडार और निवास के सुख-साधनों के लिए प्रसिद्ध हैं।
22.
इसके बाद साढ़े चार हजार साल पुरानी हड़प्पा की सभ्यता उद् घाटित हुई , जिन्हें कांसे- मिश्र धातु की तकनीक के अलावा सिंचाई , सड़क , जल-निकास , पकी ईटों , मिट् टी के बर्तन , क्षेत्रफल और आयतन के नाप का गणितीय ज्ञान था।
23.
इसके बाद साढ़े चार हजार साल पुरानी हड़प्पा की सभ्यता उद् घाटित हुई , जिन्हें कांसे- मिश्र धातु की तकनीक के अलावा सिंचाई , सड़क , जल-निकास , पकी ईटों , मिट् टी के बर्तन , क्षेत्रफल और आयतन के नाप का गणितीय ज्ञान था।
24.
प्रथम चरण के विकास कार्य में भव्य प्रवेश द्वार , पर्यटन सूचना केन्द्र, पाथ-वे, माड़ियापथ, बैगा चौक, देवगुड़ी, छत्तीसगढ़ हाट, आभूषण पार्क, छत्तीसगढ़ी चौक, जनजातीय पारंपरिक शेड, मनोरंजन उद्यानगृह, सड़क एवं जल-निकास, लौह शिल्पियों की कार्यशाला एवं भित्तिचित्र निर्माण, सरगुजा की भित्तिचित्र का पारंपरिक जाली निर्माण, स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियों का निर्माण, चहारदीवारी निर्माण, छत्तीसगढ़ का मानचित्र का निर्माण जिसमें छत्तीसगढ़ के विभूतियों को दिखाया गया है ।
25.
जल-निकास की आधी-अधूरी व्यवस्था से जूझते इस शहर में भारी बारिश के दिनों में जब कोई भी कार , कोई भी टैक्सी, कोई भी वाहन आपको जरा-सी भी दूरी पार कराने को तैयार नहीं होगा , तब कमर तक पानी में - मात्र पांच-दस रुपये में आपको इधर से उधर लाते-ले जाते हुए ये रिक्शेवाले आपकी स्मृतियों में ऊभ-चूभ होंगे . पर तब तक बहुत देर हो चुकी होगी .
26.
जल-निकास की आधी-अधूरी व्यवस्था से जूझते इस शहर में भारी बारिश के दिनों में जब कोई भी कार , कोई भी टैक्सी, कोई भी वाहन आपको जरा-सी भी दूरी पार कराने को तैयार नहीं होगा , तब कमर तक पानी में - मात्र पांच-दस रुपये में आपको इधर से उधर लाते-ले जाते हुए ये रिक्शेवाले आपकी स्मृतियों में ऊभ-चूभ होंगे . पर तब तक बहुत देर हो चुकी होगी .
27.
जल-निकास की आधी-अधूरी व्यवस्था से जूझते इस शहर में भारी बारिश के दिनों में जब कोई भी कार , कोई भी टैक्सी , कोई भी वाहन आपको जरा-सी भी दूरी पार कराने को तैयार नहीं होगा , तब कमर तक पानी में - मात्र पांच-दस रुपये में आपको इधर से उधर लाते-ले जाते हुए ये रिक्शेवाले आपकी स्मृतियों में ऊभ-चूभ होंगे . पर तब तक बहुत देर हो चुकी होगी .