( ४ ) इन्द्रयाँ दुर्बल होना ( द्रष्टि शक्ति अति न्यून हो तो वस्तु दिखाई नहीं देती ) ( ५ ) मन का एकाग्र न होना -मन और आंख का संयोग न होना |
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याद रखनाहोगा कि मूल कारण उनकी शारीरिक क्रियाओं का उचित प्रकार कार्य न करना औरनर्वस का कुछ दुर्बल होना है , परन्तु रोग का वास्तविक रूप किसी ऐसेमानसिक तनाव से बनता है, जिसको बालक स्वयं नियंत्रण में नहीं ला सकता.
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शरीर का दुर्बल होना , आलस्य अनुत्साह , शक्ति का घटते जाना , बातें भूल जाना , मस्तिष्क अवसाद , विस्मृति , थोड़ी सी मेहनत में ही चिड़चिड़ाहट , सिर दर्द , सिर चकराना आदि इसके लक्षण होते है।