** ** हमीं हम हमीं हम रहेंगे जहाँ में हमीं हम हमीं हम ज़मीं आसमाँ में हमीं हम हमीं हम नफीरी ये बाजे नगाड़े ये तासे कि बजता है डंका धमाधम धमाधम हमीं हम ह . .
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परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष राकेश तिवारी एडवोकेट ने बैठक में कहा कि श्रीयमुना माॅ की इस विशाल शोभायात्रा में भव्य झांकियों के साथ साथ ब्रज की शान नफीरी की तान पर यमुना भक्तों का उत्साहवर्धन करेगी।
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सुषिर वाद्य , जैसे पाइप ऑर्गन या नफीरी (ओबो), जो हवा के खण्डों के कम्पन द्वारा ध्वनि उत्पन्न करते हैं; उन्हें मुक्त सुषिर वाद्य, बांसुरी, ऑर्गन, रीड पाइप, और होंठ कम्पित सुषिर वाद्य में विभाजित किया गया है.
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हमीं हम हमीं हम रहेंगे जहाँ में हमीं हम हमीं हम ज़मीं आसमां में हमीं हम हमीं हम नफीरी ये बाजे नगाडे ये तासे कि बजता है डंका धमाधम धमाधम हमीं हम हमीं हम हमीं हम हमीं हम
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नफीरी के साथ-साथ कुछ देर में कुछ सुरीले गलों के स्वर भी सुन पड़े , थोड़ी ही देर में बड़ी मस्तानी आवाज से कजली गाती हुई गँवनहारिनों का एक झुण्ड नफीरी वालों के साथ ठीक वाटिका के सामने से होकर निकल गया।
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नफीरी के साथ-साथ कुछ देर में कुछ सुरीले गलों के स्वर भी सुन पड़े , थोड़ी ही देर में बड़ी मस्तानी आवाज से कजली गाती हुई गँवनहारिनों का एक झुण्ड नफीरी वालों के साथ ठीक वाटिका के सामने से होकर निकल गया।
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इसके बाद किस तरह की छेड़छाड़ शुरू हुई या क्या हुआ सो हम नहीं लिख सकते , हां उस समय का हाल जरूर लिखेंगे जब धीरे-धीरे सुबह की सफेदी आसमान पर फैलने लग गई थी और नियमानुसार प्रातःकाल बजाये जाने वाली नफीरी की आवाज ने कुंअर इंद्रजीतसिंह और किशोरी को नींद से जगा दिया था।
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शोभायात्रा में सर्वप्रथम घुड़सवार , गणपति गणेश , मोर पर सवार श्री कृष्ण , श्री कृष्ण द्वारा विराट स्वरूप , मां शेरा वाली , सुदामा-कृष्ण मिलन तथा भगवान झूलेलाल की सजीली झांकिया प्रमुख थी , मध्य में दो बैण्ड , आगरा तथा मथुरा की नफीरी , झूलेलाल की अमर ज्योत , श्री नाथ जी का डोला तथा पंचमुखी ज्योति के साथ सकीर्तन करते श्रद्वालु भक्तजन व साध्ुजन चल रहे थे।
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लेकर झंडा लाल जो करें धरा को लाल झुकता उनके कृत्य से मानवता का भाल मानवता का भाल चाल है निर्मम शातिर निरपराध मर रहे रेल में विवश मुसाफिर दिव्यदृष्टि अफसोसनाक उनका हथकंडा करें धरा को लाल लाल जो लेकर झंडा बनियागीरी छोड़ कर मनमोहन जी आप नक्सलियों के मर्ज को समझें माई-बाप समझें माई-बाप , योजना 'ठोस' बनायें करके उचित विकास रोग से छुट्टी पायें दिव्यदृष्टि इसलिए बजाएं प्रगति नफीरी मनमोहन जी आप छोड़ कर बनियागीरी
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लेकर झंडा लाल जो करें धरा को लाल झुकता उनके कृत्य से मानवता का भाल मानवता का भाल चाल है निर्मम शातिर निरपराध मर रहे रेल में विवश मुसाफिर दिव्यदृष्टि अफसोसनाक उनका हथकंडा करें धरा को लाल लाल जो लेकर झंडा बनियागीरी छोड़ कर मनमोहन जी आप नक्सलियों के मर्ज को समझें माई-बाप समझें माई-बाप , योजना ' ठोस ' बनायें करके उचित विकास रोग से छुट्टी पायें दिव्यदृष्टि इसलिए बजाएं प्रगति नफीरी मनमोहन जी आप छोड़ कर बनियागीरी